गुरुवार, 28 अप्रैल 2016

KULDHARA RAJASTHAN - KNOW WHAT PARANORMAL SOCIETY OF DELHI EXPERIENCED HERE

                              कुलधरा जो की राजस्थान में है इसकी की कहानी  ही अजीब और प्रेरणादायक है जो की मैंने आजतक सुनी है।  जैसलमेर से लगभग 15km एक गॉव है जिसका नाम है कुलधरा। कुलधरा में एक समय 84 गॉव हुआ करते थे।यह गांव 1291 में पालीवाल ब्राम्हणों द्वारा बनाया गया था।  पालीवाल ब्राम्हण उस समय बड़े ही समृद्ध थे और अपनी अनाज उगाने की योग्यता में माहिर थे।  वे बंजर जमीन और रेगिस्तान में भी अनाज उगाने की योग्यता रखते थे। पालीवाल ब्राम्हण व्यापर और खेती के बारे में बहुत सी चीज़े जानते थे।  परन्तु ऐसा क्या हुआ की एक दिन 1825  लोग और 83 से ज्यादा गांव एक हीं में कही अंधकार में खो गए।

                                 कुछ लोग बताते है की राजा सलीम सिंह जो की उस समय एक बड़ा ही शैतान और निर्दयी राजा था, गांव के मुखिया की लड़की से प्रेम करने लगा था और उससे जबरदस्ती शादी करना चाहता था।  उसने गांव वालो को बहुत डराया और धमकी भी दी यदि वे लोग उस लड़की के साथ शादी न करवाई तो।  इसके बाद पालीवाल ब्राम्हण और गांव के लोग उस जगह को छोड़ कर चले गए और उस गांव और राजा को श्राप दिया की यहाँ पर अब कभी भी कोई अपना घर नहीं बसा पाएगा।  और उस दिन से आज तक ये जमीन बंजर है और यहाँ सैलानियों के अलावा कोई नहीं आता।  

                            इसके अलावा लोग ये भी कहते है की  राजा सलीम सिंह ने गांव वालो पर इतना लगान तय कर रखा था की गांव वाले उसे देने में बिलकुल असमर्थ थे।  उनके लिए वह रहना दूभर हो चूका था इसलिए शायद वे लोग हरी भरी जगह चले गए।  कहानिया तो ऐसी ही सुनने को मिलती है चाहे आप कही भी जाएँ, पर जब तक उसमे इश्क़ , क्रूरता आदि जैसे मसाले नहीं होते उन्हें सुनने में बिलकुल भी मज़ा नहीं आता। इस गांव  में आप अभी भी बहुत से ऐसे घर देखेंगे जो लगभग 300 साल पुराने है।  

                                   अभी अभी की बात है पैरानॉर्मल सोसाइटी ऑफ़ दिल्ली कुलधरा पहुंचीं और उन्होंने जाहिर किया की यहाँ पर कुछ अजीब सी चीज़े है जो की बहुत असाधारण है।  ये सोसाइटी  यहाँ पर कुछ पढ़ने और समझने के लिए आई थी। कुलधरा गांव एक डरावनी जगह है। इस सोसाइटी के लगभग 18 लोगों ने यहाँ और कुछ 10 -12 लोगो के साथ यहाँ रात बितायी। वे इस गांव के अंदर कुछ 12 घंटे ठहरे और कुछ अजीब सा महसूस किया।  इस बारह सदयसिय टीम के पास कुछ अनोखे मशीन और यन्त्र थे जो की यहाँ कुछ चीज़ो को कैद करने में समर्थ रहे। यहाँ उन्होंने कई बार कुछ घूमती हुई परछाइयाँ और किसी की चिल्लाने की आवाज़ जैसे और भी चीज़ो का अनुभव किया।  एक सदस्य ने तो ये भी कहा की यहाँ पर किसीने उसे पीठ पीछे से छुआ, जब उसने पीछे मुड़ कर देखा तब वहां पर कोई भी  नहीं था। 

                                        टीम ने कुछ यंत्रों की सहायता से ये भी जानने की कोशिश की कि यहाँ किनकी आत्माएं है  और उनसे कुछ सवाल भी किये और यहाँ तक उनका नाम भी जाना। यहाँ पर अलग अलग जगह पर अलग अलग पर नोट किया गया।  एक जगह पारा 41  डिग्री सेल्सियस और उससे थोड़ा और पैदल चल कर आगे बढे तो पारा  31 डिग्री पर घट कर आगया। टीम ने कुछ लेज़र किरणों का सहारा लेकर कुछ परछाइयाँ भी देखी। इस टीम का मुख्य लक्ष्य ऐसी जगहों पर घूम कर लोगो के मन से डर हटाने का है। 

















    

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