तत्काल टिकिट भारतीय रेल्वे द्वारा एक ऐसी सेवा है जिससे किसी भी व्यक्ति को अगर एक दिन पहले अति आवश्यक कही जाना पड़ता है तो वह तत्काल टिकट रेलवे रिजर्वेशन के द्वारा करवा आरक्षण करवा सकता है। परन्तु TATKAL TICKET आज के समय में एक बिज़नेस से काम नहीं है। आपने ऐसा कई बार सुना होगा की लोग एजेंट और टिकट ब्रोकर से अपनी टिकट कन्फर्म करवाते है जो की बिलकुल गलत है। आम आदमी को अगर टिकट करवाना होता है तो उसे सुबह से ही लाइन में लगना पड़ता है, फिर भी उसे कन्फर्म टिकट मिले ये जरुरी नहीं है। रेलवे की लाख कोशिशों के बाद भी कुछ ब्रोकर स्टेशन में अपनी सेटिंग करके अपना नंबर पहले ही लगा लेते है, फिर चाहे आप 4 घंटे पहले ही क्यों न आये हो।
हर ट्रेन में कुछ सीटें तत्काल टिकटों के लिए आरक्षित की जाती है, परन्तु होता यह है की ये सीटें आप के एरिया के अलावा पुरे देश के लिए उतनी ही सीटें होती है। यही कारण है की यह टिकिटें जल्दी ही वेटिंग लिस्ट पर आ जाती है। आजकल तत्काल का टाइम भी रेलवे ने चेंज कर दिया है अब तत्काल टिकटें 3A और 2A के लिए सुबह 10 बजे खुल जाती है, और स्लीपर क्लास के लिए टाइम 11 बजे है। यह समय परिवर्तन रेलवे ने आम आदमी को देखते हुए ही किया है। खासकर कर के गर्मी की छुट्टियों में जब लोगो को बाहर जाना होता है तो वे तत्काल टिकट पर ही जाते है , क्योकि रिजर्वेशन हर ट्रैन के लिए 3 महीनों पहले ही खुल जाता है। कई बार ऐसा भी देखा गया है की कुछ ट्रेनों में आसानी से जगह मिल जाती है पर वो ट्रैन जो रोज़ होती है उनमे जगह मिलना बहुत ही मुश्किल होता है।
तत्काल एजेंटों ने कन्फर्म टिकट का एक बिज़नेस शुरु कर दिया है जिसमे वह मनमानी रकम मांगते है कभी कभी तो वो टिकट के अमाउंट की दुगनी रकम भी मांगने लगते है। रेलवे के नियम के हिसाब से अगर कोई ऐसा व्यक्ति पाया जाता है तो उसे रेलवे नियम के तहत सजा हो सकती है। आजकल आपने यह भी सुना होगा की तत्काल टिकट ONLINE भी बन रही है, एजेंटों ने इसे भी नहीं छोड़ा जैसे ही तत्काल का समय चालू होता है रेलवे का सिस्टम सर्वर डाउन की सुचना देना चालू कर देता है, और जब तक सर्वर आता है, टिकट पहले ही खत्म हो जाती है।
कुछ लोगों ने तो इसका सॉफ्टवेयर तक बना लिया है जिससे वे तत्काल समय से पहले ही अपना टिकट बुक कर लेते है, जो की बहुत गलत है ऐसे लोगो को यह भली भाति समझना चाहिए की ये सेवा आम आदमी के लिए है अगर ये इसका गलत इस्तेमाल करते है तो लोगों में हमेशा गलत सन्देश जाता है रेलवे हमेशा से ही खिलाफ रहा है। पर चाह के भी इन सारी चीज़ों को रेलवे रोकने में असमर्थ है।
यदि आपको रेलवे टिकट से ऑनलाइन बनना है तो आप पहले IRCTC की वेबसाइट में जाकर अपने आपको रजिस्टर कीजिये , जिसमे आपको अपने irctc अकाउंट की जानकारी देनी होती है, आपको एक वैलिड ईमेल आइडी उस फॉर्म में फीड करनी होगी और अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर करना होगा। रेलवे से आपको एक वेरीफाई मैसेज आएगा जो की आपको उस वेबसाइट में डालना होगा, फिर आपका यूजरनाम और पासवर्ड railway द्वारा दिया जाएगा जिसके द्वारा आप खुद अपनी आईडी से टिकट सेवा का लाभ उठा सकते है। टिकिट बूक करने से पहले आप ये अच्छी तरह जान ले की TICKET CANCELLATION और REFUND किन टिकिटों पर मिलता है। यह भी ध्यान रखिए की यदि आप तत्काल टिकट बुक करते है तो वह कैंसिल नहीं हो सकती। अपनी स्वयं की आईडी से बनाई हुई टिकट आप दूसरे को नहीं दे सकते ना ही उस टिकट को आप बेच सकते है। ऐसा करने पाए जाने पर आपको जुरमाना और सज़ा दोनों हो सकती है।
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हर ट्रेन में कुछ सीटें तत्काल टिकटों के लिए आरक्षित की जाती है, परन्तु होता यह है की ये सीटें आप के एरिया के अलावा पुरे देश के लिए उतनी ही सीटें होती है। यही कारण है की यह टिकिटें जल्दी ही वेटिंग लिस्ट पर आ जाती है। आजकल तत्काल का टाइम भी रेलवे ने चेंज कर दिया है अब तत्काल टिकटें 3A और 2A के लिए सुबह 10 बजे खुल जाती है, और स्लीपर क्लास के लिए टाइम 11 बजे है। यह समय परिवर्तन रेलवे ने आम आदमी को देखते हुए ही किया है। खासकर कर के गर्मी की छुट्टियों में जब लोगो को बाहर जाना होता है तो वे तत्काल टिकट पर ही जाते है , क्योकि रिजर्वेशन हर ट्रैन के लिए 3 महीनों पहले ही खुल जाता है। कई बार ऐसा भी देखा गया है की कुछ ट्रेनों में आसानी से जगह मिल जाती है पर वो ट्रैन जो रोज़ होती है उनमे जगह मिलना बहुत ही मुश्किल होता है।
तत्काल एजेंटों ने कन्फर्म टिकट का एक बिज़नेस शुरु कर दिया है जिसमे वह मनमानी रकम मांगते है कभी कभी तो वो टिकट के अमाउंट की दुगनी रकम भी मांगने लगते है। रेलवे के नियम के हिसाब से अगर कोई ऐसा व्यक्ति पाया जाता है तो उसे रेलवे नियम के तहत सजा हो सकती है। आजकल आपने यह भी सुना होगा की तत्काल टिकट ONLINE भी बन रही है, एजेंटों ने इसे भी नहीं छोड़ा जैसे ही तत्काल का समय चालू होता है रेलवे का सिस्टम सर्वर डाउन की सुचना देना चालू कर देता है, और जब तक सर्वर आता है, टिकट पहले ही खत्म हो जाती है।
कुछ लोगों ने तो इसका सॉफ्टवेयर तक बना लिया है जिससे वे तत्काल समय से पहले ही अपना टिकट बुक कर लेते है, जो की बहुत गलत है ऐसे लोगो को यह भली भाति समझना चाहिए की ये सेवा आम आदमी के लिए है अगर ये इसका गलत इस्तेमाल करते है तो लोगों में हमेशा गलत सन्देश जाता है रेलवे हमेशा से ही खिलाफ रहा है। पर चाह के भी इन सारी चीज़ों को रेलवे रोकने में असमर्थ है।
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